है प्रणाम! उस सृष्टि को जिसका रूप निराला है,
जिसने सब कष्ट सहकर भी हमे ख़ुशी ख़ुशी पाला है।
है प्रणाम! उस अम्बर को जिसका ह्रदय विराट है,
जिसके सामने झुका हर बड़ा सम्राट है।
है प्रणाम! उस उगते सूरज को जिसने जीने की आशा दी,
दूर हो गए साब गम और दूर हो गई जो निराशा थी।
है प्रणाम! डूबते सूरज को जिसने अपनी रौशनी चाँद को दी,
जिससे अन्धकार में रहे नहीं कोई कभी।
है प्रणाम! उस पेड़ को जिसने हमे है फल दिया,
खुद भूखा मर गया, हमे न मरने दिया।
है प्रणाम!उस नदी को जो निरंतर बहती रही,
हमारे द्वारा दिए कष्ट चुप चाप वो सेहती रही।
है प्रणाम! पर्वत को जो हमेशा अटल रहा,
हमे कोई आंच न आये इसलिए अविचल रहा।
है प्रणाम!उस धरती को जिसने जीवन भर हमारा साथ दिया,
मगर हमने अपनी धरती माँ को धर्म के नाम पर बाट दिया।
है प्रणाम!उस ईश्वर को जिसने हमे यह सब किया प्रदान,
उस करूणानिधि,विश्विधाता को शत- शत प्रणाम, शत-शत प्रणाम।।
जिसने सब कष्ट सहकर भी हमे ख़ुशी ख़ुशी पाला है।
है प्रणाम! उस अम्बर को जिसका ह्रदय विराट है,
जिसके सामने झुका हर बड़ा सम्राट है।
है प्रणाम! उस उगते सूरज को जिसने जीने की आशा दी,
दूर हो गए साब गम और दूर हो गई जो निराशा थी।
है प्रणाम! डूबते सूरज को जिसने अपनी रौशनी चाँद को दी,
जिससे अन्धकार में रहे नहीं कोई कभी।
है प्रणाम! उस पेड़ को जिसने हमे है फल दिया,
खुद भूखा मर गया, हमे न मरने दिया।
है प्रणाम!उस नदी को जो निरंतर बहती रही,
हमारे द्वारा दिए कष्ट चुप चाप वो सेहती रही।
है प्रणाम! पर्वत को जो हमेशा अटल रहा,
हमे कोई आंच न आये इसलिए अविचल रहा।
है प्रणाम!उस धरती को जिसने जीवन भर हमारा साथ दिया,
मगर हमने अपनी धरती माँ को धर्म के नाम पर बाट दिया।
है प्रणाम!उस ईश्वर को जिसने हमे यह सब किया प्रदान,
उस करूणानिधि,विश्विधाता को शत- शत प्रणाम, शत-शत प्रणाम।।
hai pranaam tyagi ji
ReplyDeleteaapne uss rachnakaar ko hi rach dala hai..
padhiye....
www.knightofroyalsociety.blogspot.com
Nice :)
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