शामो में एक सुबह छुपी रहती है कहीं,
उजालो में भी रातें बसी रहती हैं कहीं,
कुछ गमो के बादलों में आशाओं की बिजली होती है,
और बंजर खेत में भी नमी रहती है कहीं।
कभी आस्मा को भी धरती से मिलने की चाहत होती है कहीं,
और बर्फ में भी छुपी थोड़ी गर्माहट होती है कहीं,
कभी लफ़्ज़ों पर जज़्बात ठहर जाते है मगर
इन खामोशियों में एक आहत होती है कहीं।
ऐसे तो चाँद भी लाखों तारों में अकेला रहता है कहीं,
और चुपके से आखों से एक आसूं बहता है कहीं,
कभी एक इंसान ज़िन्दगी खुशहाल कर देता है,
और कभी भीड़ में भी अकेलेपन का एहसास रहता है कहीं।
यूँ तो सहारों की कमी नहीं राहों में मगर,
फिर भी इंसान बहक जाता है हर कहीं,
यूँ तो गम लिए सफ़र करता है मगर
फिर भी इंसान चहक जाता है हर कहीं,
दुखों के सागर में मुर्झाया सा रहता है,
मगर अपनों के चंद प्यार के अल्फाजों
से महक जाता है कहीं।।
उजालो में भी रातें बसी रहती हैं कहीं,
कुछ गमो के बादलों में आशाओं की बिजली होती है,
और बंजर खेत में भी नमी रहती है कहीं।
कभी आस्मा को भी धरती से मिलने की चाहत होती है कहीं,
और बर्फ में भी छुपी थोड़ी गर्माहट होती है कहीं,
कभी लफ़्ज़ों पर जज़्बात ठहर जाते है मगर
इन खामोशियों में एक आहत होती है कहीं।
ऐसे तो चाँद भी लाखों तारों में अकेला रहता है कहीं,
और चुपके से आखों से एक आसूं बहता है कहीं,
कभी एक इंसान ज़िन्दगी खुशहाल कर देता है,
और कभी भीड़ में भी अकेलेपन का एहसास रहता है कहीं।
यूँ तो सहारों की कमी नहीं राहों में मगर,
फिर भी इंसान बहक जाता है हर कहीं,
यूँ तो गम लिए सफ़र करता है मगर
फिर भी इंसान चहक जाता है हर कहीं,
दुखों के सागर में मुर्झाया सा रहता है,
मगर अपनों के चंद प्यार के अल्फाजों
से महक जाता है कहीं।।
wah-wah!
ReplyDeleteCool........ WOW!
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बहुत खूब,
ReplyDeleteहर बीज में फलने-फूलने की सम्भावना होती है कहीं
Mast... mujhe nai pta tha Aap me yeh b hunar hai.... :D
ReplyDeleteGreat lines with deep meaning..:) Bht hi achi..
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