Sunday, 24 March 2013

#2

इस इश्क के कई चहरे होते हैं,
खुली आँखों में भी सौ पहेरे होते हैं।
इतना आसाँ नहीं इश्क का दरिया पार करना,
कई मरतबा  इसके किनारे भी बहुत गहरे होते हैं।।   

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